जिला परिषद पर सरकार के 65.26 करोड़ बकाया : यादव

फाइल फोटो।

सुनो सुनो रिपोर्ट |

नागपुर | जिला परिषद के पदाधिकारी विकास कार्यों के लिए निधि की कमी का रोना रोते रहते हैं। हाल में जिला परिषद अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि जिला परिषद की राज्य सरकार पर निधि बकाया है। इस बात पर भाजपा के जिला (ग्रामीण) महामंत्री उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव ने असहमति जताई है। यादव ने कहा है कि राज्य सरकार जिला परिषद को भरपूर निधि उपलब्ध करा रही है, लेकिन उसका उपयोग नहीं दिख रहा है। इसके विपरीत जिला परिषद में प्राप्त निधि का घोटाला नजर आ रहा है। जिला परिषद पर ही राज्य सरकार के 65.26 करोड़ रुपये बकाया हैं।

उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव (फाइल फोटो) 

यादव ने अपने दावे के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े भी उपलब्ध कराए हैं। इन आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि जिला परिषद विकास निधि का समुचित उपयोग नहीं कर रही है। वह बकाया निधि भी राज्य सरकार को वापस नहीं कर रही है। इस संबंध में यादव ने विभागीय आयुक्त को पत्र भी लिखा है। साथ ही मामले की ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं विधायक चंद्रशेखर बावनकुले का ध्यान दिलाया है। यादव ने मांग की है कि मामले में जिला परिषद अधिकारियों, पदाधिकारियों की अनियमितता की जांच की जाए।

यादव की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिला परिषद ने वर्ष 2019-20, 2020-21,2021-22 में प्राप्त निधि से बचे हुए अखर्चित 94 करोड़ रुपये में से 50.48 करोड़ रुपये खर्च किए। बकाया निधि में से मात्र 6.66 करोड़ रुपये राज्य सरकार को लौटाए। अब भी जिला परिषद के पास उस वर्ष की 37.52 करोड़ रुपये की निधि बकाया है। इसी प्रकार जिला परिषद ने 2022-23 में प्राप्त 79.82 करोड़ रुपये में से 52.16 करोड़ रुपये खर्च किए। बकाया 27.74 करोड़ रुपये नहीं लौटाए। इस तरह जिला परिषद ने दो वित्तीय वर्ष के बकाया 65.26 करोड़ रुपये नहीं लौटाए। अभी 2023-24 मे भी निधि मंजूर कर जिला परिषद को दी गई है। हर वित्तीय वर्ष मे दी गई विकास निधि को जिला परिषद को दो वर्ष में खर्च करना चाहिए, लेकिन खर्च नहीं की गई। इसलिए हर वित्तीय वर्ष में जिला परिषद ने जितनी निधि खर्च की है, उतनी ही उसे आगे दी जाए। 

यादव का कहना है कि जिला परिषद में सत्ता पक्ष के पदाधिकारी हमेशा राज्य सरकार पर निधि न देने का अनुचित आरोप लगाते हैं। जबकि राज्य सरकार ने बार-बार मुद्दत बढ़ाई। इसके बावजूद बकाया निधि जिला नियोजन समिति को नहीं लौटाई गई। यादव ने आरोप लगाया कि बकाया रकम निजी बैंकों में रखी गई है, जिस पर जिला परिषद के संबंधित विभागों के अधिकारी और पदाधिकारी अवैध कमीशन खा रहे हैं। यादव ने मांग की कि इस मामले की जांच स्वतंत्र शासकीय यंत्रणा से कराई जाए। इस प्रकार निजी बैंकों में दो-तीन साल से जमा रकम ब्याज सहित सरकार को लौटाई जाए। भ्रष्ट अधिकारियों और पदाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।

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