खापरखेड़ा : महिला भिक्खु की हत्या के मामले में भिक्खु को उम्रकैद की सजा
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प्रतीकात्मक चित्र। |
@ एड. प्रदीप खांबलकर |
खापरखेड़ा (सावनेर) | खापरखेड़ा में महिला भिक्खु (भिक्षुणी) की हत्या के मामले में अदालत ने आरोपी भिक्खु (भिक्षु) को दोषी करार दिया है। अदालत ने भिक्खु रामदास मेश्राम (58) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार हत्या की यह वारदात अगस्त 2021 में हुई थी। पिपला डाक बंगला परिसर स्थित शिवली बोधि भिक्खु निवास में आरोपी भिक्षु मेश्राम और भिक्षुणी कुसुम चव्हाण (45) वारदात के कुछ दिनों पहले से रह रहे थे। दोनों में 12 साल से प्रेम प्रकरण और शारीरिक संबंध था। एक दिन भिक्षु ने भिक्षुणी के मोबाइल की पड़ताल की। उसने मोबाइल में किसी व्यक्ति का अश्लील मैसेज देखा। मैसेज के बारे में भिक्षुणी से पूछा। इस पर भिक्षुणी ने भिक्षु को ही बुरा-भला कह दिया। भिक्षुणी ने भिक्षु से कहा कि उसमें पुरुषार्थ नहीं बचा है। यह बात सुनकर भिक्षु को गुस्सा आ गया।
बताया गया है कि भिक्षु और भिक्षुणी के बीच जमकर मारपीट हुई। इस दौरान भिक्षु ने हथौड़ी और चाकू से भिक्षुणी पर कई वार किए। इससे भिक्षुणी की मौत हो गई। उसके बाद भिक्षु ने फांसी लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। लेकिन रस्सी टूट गई। उसने कुएं में कूदकर आत्महत्या करने का भी प्रयास किया। लेकिन उसे बचा लिया गया।
पुलिस उपनिरीक्षक अभिषेक अंधारे ने यह प्रकरण कोर्ट में दाखिल किया। नागपुर जिला व सत्र अदालत ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने आरोपी भिक्षु को दोषी करार दिया। शनिवार को उसे धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
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