भावनाएं बंटती गईं, भूगोल वही रहा...

अजय पांडे।

@ सुनो सुनो रिपोर्ट |

 'हादसों की जद में है तो मुस्कुराना छोड़ दें/ जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें'/... 

स्वाधीनता प्राप्ति के वर्ष पर वर्ष बीतते गए। विभाजन के नए नए रूप सामने आते गए। भावनाएं बंटती गईं, भूगोल वही रहा, परंतु उनमें खींची संवेदनाओं की लकीरें मिटती गईं। विभाजन धर्म के नाम पर, जाति, भाषा, सांप्रदायिकता और क्षेत्रीयता के नाम पर। अब आगे ऐसा ना हो, एकजुटता बनी रहे, भाईचारा बना रहे, अमन का वातावरण रहे। 

कुछ ऐसे ही बातों को लेकर तिरपुड़े कॉलेज ऑफ सोशल वर्क, सदर नागपुर में विश्वशांति दिवस पर युवाओं के साथ 'एक शाम अमन के नाम' कार्यक्रम सफल रहा। 

कार्यक्रम के अतिथि एड. इब्राहिम बख्श आजाद, ओम बजाज, रेडियो मिर्ची के आरजे फरहान, मोटीवेटर राजेश जाधव थे। सभी ने शायरी और यादगार प्रसंग सुनाकर युवाओं को शांति और भाईचारे का संदेश दिया। 

लोककल्याण योजना, सीएसए सेविंग ड्रीम्स फाउंडेशन के डायरेक्टर आशीष देशपांडे, गॉड्स फिल्म्स प्रा. लि. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार अजय पांडे ने भी विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन कॉलेज की प्राध्यापक उर्मिला विद्याभानु ने किया। विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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