गीता प्रेस ने कहा- गांधी शांति पुरस्कार स्वीकार, लेकिन एक करोड़ की धनराशि नहीं लेंगे

गीता प्रेस, गोरखपुर (फाइल फोटो)

@ सुनो सुनो नेटवर्क |

गोरखपुर/ नई दिल्ली | गीता प्रेस ने कहा कि वह गांधी शांति पुरस्कार स्वीकार करेगा। यह सम्मान की बात है, लेकिन पुरस्कार की एक करोड़ रुपए की ध्रनराशि नहीं स्वीकार करेगा। यह बात उस समय कही गई है, जब कांग्रेस ने गीता प्रेस को यह पुरस्कार देने के फैसले का विरोध किया है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 के लिए चुना है। 

प्रेस के ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में फैसला किया गया कि प्रकाशन संस्था पुरस्कार स्वीकार करेगी, लेकिन एक करोड़ रुपए की धनराशि नहीं लेगी। गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने सोमवार को मीडिया से कहा, ‘हम गांधी शांति पुरस्कार के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं, लेकिन किसी भी प्रकार का दान स्वीकार नहीं करना हमारा सिद्धांत है। इसलिए न्यास बोर्ड ने निर्णय लिया है कि हम निश्चित रूप से पुरस्कार के सम्मान के लिए पुरस्कार स्वीकार करेंगे, लेकिन इसके साथ मिलने वाली धनराशि नहीं लेंगे।’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस, गोरखपुर को उक्त पुरस्कार प्रदान करने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया कि अक्षय मुकुल ने इस संगठन पर एक बहुत ही अच्छी जीवनी लिखी है, जिसमें महात्मा गांधी के साथ इसके संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक एवं सामाजिक मोर्चों पर चल रही लड़ाइयों का पता चलता है। जयराम रमेश ने लिखा कि यह फैसला असल में सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

कांग्रेस के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी दिक्कत है कि वह परिवार के घोसले और पप्पू के चोचले से बाहर नहीं निकल पा रही है। कांग्रेस समझती है कि सारे नोबेल पुरस्कार, सारे सम्मान सिर्फ एक ही परिवार के घोसले में सीमित रहने चाहिए।

नकवी ने कहा कि गीता प्रेस ने देश के संस्कार, संस्कृति और समावेशी सोच को सुरक्षित रखा है। बता दें कि गीता प्रेस की स्थापना 29 अप्रैल 1923 को हुई थी। इस प्रेस से अब तक 93 करोड़ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

**** 


टिप्पणियाँ

सबसे ज्यादा लोकप्रिय

रामटेक से महायुति के उम्मीदवार आशीष जैस्वाल जीते

नागपुर : स्कूल बस पलटी, छात्रा की मौत, कई विद्यार्थी घायल

सावनेर से महायुति के उम्मीदवार आशीष देशमुख जीते

कामठी से महायुति के उम्मीदवार चंद्रशेखर बावनकुले जीते

महाराष्ट्र : शिंदे ने कहा- मोदी जिसे मुख्यमंत्री बना दें, हमारी तरफ से कोई अड़ंगा नहीं...

जिला परिषद पर सरकार के 65.26 करोड़ बकाया : यादव