रामटेक : फर्जी टीसी पर नौकरी, दो साल से थाने में धूल खा रही शिकायत

पुुुलिस स्टेशन, रामटेक (फाइल फोटो)

- गट ग्राम पंचायत डोंगरी में रोजगार सेवक की नियुक्ति का मामला

- श्रीराम विद्यालय के नाम वाले लेटरहेड पर बनाई बोगस टीसी

- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी हैं श्रीराम विद्यालय की संचालक संस्था की अध्यक्ष

सुनो सुनो रिपोर्ट |

रामटेक | तहसील की गट ग्राम पंचायत डोंगरी में रोजगार सेवक की नौकरी हासिल करने के लिए नकली टीसी पेश करने का मामला सामने आया है। यह नकली टीसी श्रीराम विद्यालय, रामटेक के नाम वाले लेटरहेड पर है। इस विद्यालय का संचालन श्रीराम शिक्षण संस्था करती है।  संस्था की अध्यक्ष केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की पत्नी कांचनताई गडकरी हैं।

'सुनो सुनो' के पास मामले से संबंधित दस्तावेजों की फोटोकॉपी उपलब्ध है। इन दस्तावेजों के अनुसार चोरखुमारी गांव निवासी भैयालाल बाबूलाल पंधराम 30 नवंबर 2013 से गट ग्राम पंचायत डोंगरी में रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत थे। 29 जून 2019 को विशेष ग्राम सभा हुई। इसमें यह ठहराव पारित हुआ कि रोजगार सेवक के पद पर कायम रहने के लिए 10वीं पास की अंकसूची, टीसी एवं एमएससीआईटी का प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। भैयालाल ने दस्तावेज जमा किए। सरपंच कौसलबाई उईके ने पाया कि टीसी नकली है। इस बात की पुष्टि के लिए सरपंच ने श्रीराम विद्यालय से संपर्क किया। भैयालाल ने श्रीराम विद्यालय नाम वाले लेटरहेड पर दर्ज टीसी ग्राम पंचायत कार्यालय में जमा की थी।

दस्तावेजों के अनुसार 17 नवंबर 2020 को श्रीराम विद्यालय के हेडमास्टर ने डोंगरी की सरपंच को पत्र लिखकर बताया कि उक्त टीसी उनके स्कूल से जारी नहीं की गई थी। इस बोगस टीसी पर 27 सितंबर 2018 की तारीख दर्ज है। इसके बाद सरपंच ने पहली बार 6 जनवरी 2021 को नकली टीसी को लेकर भैयालाल के खिलाफ पुलिस स्टेशन, रामटेक में लिखित शिकायत की। साथ ही श्रीराम विद्यालय के हेडमास्टर का पत्र, भैयालाल की फर्जी टीसी, मार्कशीट एवं 10वीं पास के डिप्लोमा की फोटोकॉपी संलग्न की। करीब दो साल बीत गए। पुलिस ने भैयालाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर सरपंच ने 17 नवंबर 2022 को दोबारा पुलिस स्टेशन रामटेक में भैयालाल के खिलाफ लिखित शिकायत की। साथ ही उन्हीं दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी संलग्न की, जो पहली बार संलग्न किए थे। लिखित शिकायत और दस्तावेजों की प्रति उपविभागीय पुलिस अधिकारी कार्यालय में भी जमा की। इसके बावजूद पुलिस ने भैयालाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

सरपंच ने श्रीराम विद्यालय के हेडमास्टर के पत्र के आधार पर भैयालाल की टीसी को बोगस माना है। इसी आधार पर उन्होंने पुलिस थाने में भैयालाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अब इस मामले में पुलिस जो कर रही है, वह हैरान करने वाला है। पुलिस ने सरपंच को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि भैयालाल की नियुक्ति या ठहराव का पत्र, उनकी 10 वीं की मार्कशीट, टीसी आदि दस्तावेज दें। यह जांच के लिए आवश्यक है। जबकि आवश्यक दस्तावेज दो बार पुलिस स्टेशन में जमा किए जा चुके हैं। पुलिस के पत्र (10.5.2023) में पुलिस उपनिरीक्षक कार्तिक सोनटक्के के हस्ताक्षर हैं, जो कि मामले के जांच अधिकारी हैं। शिकायतकर्ता ने सोनटक्के पर भी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, 'इस बात की भी जांच हो कि  भैयालाल ने फर्जी टीसी कहां और किससे बनवाई। यह मामला रामटेक पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खडा कर रहा है।'

आश्चर्य है कि फर्जी टीसी के इस मामले की शिकायत सवा दो साल पहले पहली बार की गई थी। यह कोई कठिन मामला नहीं था। इसके बावजूद कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया। क्या यह मान लें कि पुलिस में दिए गए शिकायती पत्र वर्षों तक धूल खाने के लिए होते हैं? 

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