दिल्ली विवि : गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री दिखाने की कोशिश, 24 छात्र पुलिस हिरासत में
@ सुनो सुनो नेटवर्क|
दिल्ली पुलिस ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की योजना बनाने के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 24 छात्रों को शुक्रवार को हिरासत में लिया। ये सभी कला संकाय के छात्र हैं। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर बनी है।
इससे पहले इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (जेएमआईयू) में भी हंगामा हो चुका है। पुलिस के अनुसार शाम करीब 4 बजे लगभग 20 लोग प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कला संकाय के बाहर पहुंचे थे। इससे इलाके में शांति भंग हो सकती थी, इसलिए उनसे वहां से जाने को कहा गया। जब उन्होंने ऐसा नहीं किया तो शांतिपूर्ण तरीके से उन्हें हिरासत में लिया गया। कुल 24 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस शांति कायम रखने के लिए क्षेत्र के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों के परिसरों का दौरा कर रही हैै।
इससे पहले डीयू के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर प्रस्तावित स्क्रीनिंग की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्क्रीनिंग नहीं होने देगा। छात्र संगठनों ने इसके लिए अनुमति नहीं मांगी है। छात्र संगठनों के वृत्तचित्र के प्रदर्शन के आह्वान के बाद डीयू के नॉर्थ कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने नॉर्थ कैंपस में बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर भी रोक लगा दी है। कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई ने नॉर्थ कैंपस में शाम 4 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी। वहीं भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने कहा कि वह विश्वविद्यालय के कला संकाय के बाहर शाम 5 बजे स्क्रीनिंग करेगा।
कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने आंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं को डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन से रोका। हालांकि, छात्रों ने फोन और लैपटॉप पर वृत्तचित्र देखने की वैकल्पिक व्यवस्था की थी। वाम दल समर्थित एसएफआई ने आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं हो सकी क्योंकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिजली आपूर्ति रोक दी। लेकिन फिल्म के लिंक के साथ एक क्यूआर कोड छात्रों के साथ साझा किया गया ताकि वे अपने फोन, लैपटॉप आदि पर इसे देख सकें।
बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नई सीरीज तैयार की है। बीबीसी का दावा है कि यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है। उन दंगों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। विदेश मंत्रालय ने दो भाग वाली इस डॉक्यूमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज किया है। साथ ही कहा है कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है। सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे।
इधर, खबर है कि कोलकाता स्थित यादवपुर विश्वविद्यालय में 100 से अधिक छात्रों ने उक्त विवादित डॉक्यूमेंट्री देखी। वाम दल समर्थित छात्र संगठन ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन की व्यवस्था की। माकपा की छात्र शाखा एसएफआई के अनुसार गुरुवार को यादवपुर विश्वविद्यालय में उक्त डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर पुलिस या संस्थान के प्राधिकारियों की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया।
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