महाराष्ट्र : स्याही हमला मामले में मंत्री चंद्रकांत पाटील ने माफी मांगी, गिरफ्तार लोगों को छोड़ने को कहा
@ सुनो सुनो नेटवर्क |
महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटील ने समाज सुधारकों बाबासाहब भीमराव आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले पर अपने बयान को लेकर पैदा विवाद को शांत करने के लिए सोमवार को माफी मांगी। उन पर स्याही हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों को छोड़ने का अनुरोध किया।
मंत्री पर स्याही फेंकने की घटना शनिवार को पुणे के पिंपरी-चिंचवड में हुई थी। आंबेडकर और फुले के बारे में पाटील ने आपत्तिजनक बयान दिया था। इससे नाराज होकर उन पर स्याही फेंकी गई थी। पाटील ने कहा था कि दोनों समाज सुधारकों ने शिक्षा संस्थान चलाने के लिए सरकार से धन नहीं मांगा था। राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री द्वारा बयान में धन मांगने के लिए ‘भीख मांगने’ शब्द का उपयोग किए जाने को लेकर भारी विवाद पैदा हो गया था। इसी कारण उन पर स्याही फेंकी गई थी। पुलिस ने हमले के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इस संबंध में संलिप्तता का पता लगाने के लिए एक टीवी पत्रकार से पुलिस पूछताछ कर रही है।
सूत्रों के अनुसार पाटील ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, 'मैं छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, डॉ. भीमराव आंबेडकर और कर्मवीर भाऊराव पाटील को श्रद्धांजलि देता रहा हूं। उनके सिद्धांतों का पालन करते रहा हूं। मैं उनके महान कार्यों का बहुत सम्मान करता हूं। मेरी मंशा किसी की भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं थी। मैं अपनी बात रखने के दौरान भाषा के प्रवाह में गलती से वह शब्द बोल गया। मैंने उस शब्द के लिए माफी मांग ली है। मेरे बयान के बाद का घटनाक्रम दुखद है। मैं नहीं चाहता हूं कि इस मुद्दे पर महाराष्ट्र में अशांति फैले। मैं फिर से उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं, जिनकी भावनाएं आहत हुई हैं।'
पाटील ने कहा, 'इस मामले में जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए। पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी निलंबन आदेश वापस लिया जाना चाहिए। अगर पत्रकारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, तो उसे वापस ले लिया जाना चाहिए। मेरे चेहरे पर स्याही फेंकने वालों के बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मेरी ओर से, मैं इस मामले को खत्म करता हूं। इस पर चर्चा समाप्त करने का अनुरोध करता हूं।’ बता दें कि स्याही हमले के बाद ड्यूटी में कथित लापरवाही को लेकर 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
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