आवरण कथा : सावरकर को कितना समझे राहुल, 'भारत जोड़ो' बनाम 'महाविकास आघाड़ी तोड़ो'
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उद्धव ठाकरे, विनायक दामोदर सावरकर, राहुल गांधी (फाइल फोटो) |
@ उमेश यादव |
इन दिनों महाराष्ट्र में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' जारी है। इस यात्रा के दौरान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान ने बवाल मचा दिया है। हालांकि, अखिल भारतीय स्तर पर अन्य कांग्रेस नेता सावरकर की आलोचना करते रहे हैं। वे आरोप लगाते आए हैं कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी। इसके विपरीत महाराष्ट्र में सावरकर का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। कई कांग्रेस नेता और समर्थक सावरकर का दिल से सम्मान करते हैं।
अब हंगामा इस बात पर मचा है कि राहुल ने महाराष्ट्र की जनता और राजनेताओं की भावनाओं को समझे बिना सावरकर के खिलाफ बयान दे दिया। वह भी तब, जबकि महाराष्ट्र ही नहीं, देश के कई हिस्सों में लोग विनायक दामोदर सावरकर को वीर सावरकर कहते हैं। क्या राहुल या कांग्रेस आज तक सावरकर को ठीक से समझ पाई है? कहीं राहुल का बयान 'भारत जोड़ो' के बजाय 'महाविकास आघाड़ी तोड़ो' तो नहीं बन जाएगा? यह कयास इसलिए है क्योंकि महाविकास आघाड़ी के प्रमुख दल उद्धव ठाकरे की शिवसेना को राहुल गांधी के बयान ने आहत किया है। उद्धव सहित अन्य नेता राहुल के बयान को उचित नहीं मान रहे हैं।
राहुल गांधी ने अकोला में कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी। जेल में रहने के दौरान उन्होंने डर के कारण माफीनामे पर हस्ताक्षर कर महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। राहुल ने एक दस्तावेज दिखाया, जिसे वे सावरकर का माफीनामा बता रहे थे। इस दस्तावेज के आधार पर राहुल ने कहा, 'सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी। सावकर ने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा था – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।’ राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘जब सावरकर ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वे डरते नहीं तो कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।’ राहुल ने कहा कि देश में एक तरफ महात्मा गांधी की विचारधारा है और दूसरी तरफ सावरकर से जुड़ी विचारधारा है।
इससे पहले राहुल ने वाशिम में भी सावरकर की आलोचना की थी। इस पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि उनकी पार्टी वीर सावरकर का बहुत सम्मान करती है। हम कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। अब उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के प्रमुख नेता संजय राऊत ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर टिप्पणी करने की कोई वजह नहीं थी। इससे महाविकास आघाड़ी में दरार पड़ सकती है।
राऊत ने मीडिया से कहा कि सावरकर के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान शिवसेना के लिए स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को पूरे देश में, खासकर महाराष्ट्र में अच्छा समर्थन मिल रहा है। लेकिन वीर सावरकर का विषय उठाने की कोई वजह नहीं थी। इससे महाविकास आघाड़ी में दरार पड़ सकती है, क्योंकि हम वीर सावरकर को आदर्श मानते हैं। राहुल के बयान ने न केवल शिवसेना को प्रभावित किया है, बल्कि महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेस नेताओं को भी प्रभावित किया है। महाराष्ट्र के लोग और देश की जनता का बड़ा वर्ग वीर सावरकर के प्रति सम्मान रखता है। इतिहास को कुरेदने के बजाय राहुल को नया इतिहास रचना चाहिए।
उधर, भाजपा के कई कार्यकर्ता शुक्रवार को कांग्रेस के पुणे नगर मुख्यालय में घुस गए। उन्होंने सावरकर पर टिप्पणी के विरोध में राहुल गांधी की तस्वीरों पर कालिख पोतने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने राहुल के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस भवन की दीवारों पर पोस्टर चिपकाये, जिनमें ‘माफीवीर जवाहरलाल नेहरू’ लिखा हुआ था। पुलिस ने कांग्रेस भवन से करीब 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। ठाणे नगर थाने में राहुल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की कार्यकर्ता वंदना डोंगरे ने राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
इधर, राहुल की रैली से पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगांव में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शेगांव पहुंची थी। दरअसल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राहुल के बयान के खिलाफ प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। इसलिए एसआरपीएफ और क्यूआरटी के कर्मियों के साथ कम से कम 1,700 पुलिसकर्मियों को शेगांव में तैनात किया गया था।
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Rahul ka bayan dukhad hai vir sawarkar ne angrejo k khilaf ladayee ladi aur do bar jail huyee Maha vikas aaghadi ka virodh sirf natakbaji hai
जवाब देंहटाएंआपकी इस आवरण कथा के एक-एक शब्द से सहमत हूं बंधुवर...!!!
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