नागपुर : मनरेगा की बकाया मजदूरी का आवंटन शुरू, विधायक बावनकुले के प्रयास सफल

चंद्रशेखर बावनकुले एवं उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव (फाइल फोटो)

सुनो सुनो  रिपोर्ट |

रामटेक (नागपुर)|  महाराष्ट्र में मनरेगा की बकाया मजदूरी का आवंटन शुरू हो गया है। मजदूरों के खातों में मजदूरी की रकम जमा होने लगी है। विधायक एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के प्रयासों से यह संभव हो सका। मनरेगा की मजदूरी केंद्र में फंसी हुई थी। इससे करीब  ढाई लाख मजदूर परिवार संकट में आ गए थे। बावनकुले ने इस संबंध में केंद्र सरकार से बात की। उसके बाद मजदूरों को मजदूरी मिलने लगी।

यह मामला पंचायत समिति रामटेक के पूर्व उपसभापति एवं रामटेक के कांग्रेस नेता उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव ने उठाया था। यादव ने मामले की ओर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी,  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं विधायक व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का ध्यान दिलाया था।

यादव ने कहा था कि अभी विभिन्न त्योहारों का समय है। आर्थिक संकट के कारण मजदूर नवरात्र और दशहरा नहीं मना सके। अब उनकी दिवाली भी सूनी जाने की आशंका है। इसलिए अनुरोध है कि मजदूरों को दिवाली से पहले उनकी मजदूरी का भुगतान कर दें। यादव ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनसे बात की। यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार को भी मामले से अवगत कराया था।

दरअसल, केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को मनरेगा की मजदूरी देने में देरी कर दी थी। यह बकाया मजदूरी अगस्त से नवंबर 2023 के दौरान किए गए कार्यों की थी। महाराष्ट्र को उक्त अवधि के 291 करोड़ 50 लाख 83 हजार रुपए दिए जाने थे। नागपुर जिले के लिए यह बकाया रकम करीब 5.32 करोड़ रुपए थी। इसमें सबसे ज्यादा रामटेक तहसील के 85.29 लाख रुपए बकाया थे।

बता दें कि मनरेगा की मजदूरी के आवंटन में केंद्र एवं राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है। इससे पहले यह देखने में आता था कि राज्य सरकार ने अपने हिस्से की रकम देने में देरी की। इस बार केंद्र ने यह रकम ट्रांसफर करने में देरी कर दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार ने गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 2009 में महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा शुरू की थी। तब से संभवत: यह पहली बार था, जब केंद्र के कोष में मनरेगा के लिए निधि की कमी दिख रही थी। इस समाचार को 'सुनो सुनो' ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

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नागपुर की बकाया मजदूरी (रु. में)

रामटेक :  85.29 लाख
पारशिवनी : 51.24 लाख
भिवापुर : 14.65 लाख
हिंगणा : 21.00 लाख
कलमेश्वर : I2.58 लाख
कामठी : 39.10 लाख
काटोल : 38.18 लाख
कुही : 61 .42 लाख
मौदा : 60.63 लाख
नागपुर (ग्रा.) : 15.16 लाख
नरखेड़ : 14.12 लाख
सावनेर : 38.76 लाख
उमरेड : 19.87 लाख

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