केंद्र में रुकी मनरेगा की मजदूरी, महाराष्ट्र को इंतजार
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प्रतीकात्मक चित्र। |
@ उमेश यादव|
रामटेक (नागपुर)| केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को मनरेगा के मजदूरों की मजदूरी देने में देरी कर दी है। इससे हजारों मजदूर संकट में आ गए हैं। यह बकाया मजदूरी 30 अगस्त से 15 अक्टूबर 2023 के दौरान किए गए कार्यों की है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार ने गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 2009 में महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा शुरू की थी। तब से संभवत: यह पहली बार है, जब केंद्र के कोष में मनरेगा के लिए निधि की कमी दिख रही है।
महाराष्ट्र को उक्त डेढ़ महीने की अवधि के 175 करोड़ 75 लाख 62 हजार रुपए दिए जाने हैं। नागपुर जिले के लिए यह बकाया रकम करीब 3 करोड़ 47 लाख 17 हजार रुपए है। इसमें सबसे ज्यादा रामटेक तहसील के 47.93 लाख रुपए बकाया हैं। इस संबंध में पंचायत समिति, रामटेक के पूर्व उपसभापति उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव ने केंद्रीय ग्राम विकास मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्र सरकार में मनरेगा के संचालक धर्मवीर सिंह एवं केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव अमित कटारिया से बात की।
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उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव (फाइल फोटो) |
कांग्रेस नेता गज्जू यादव ने मंत्री एवं अधिकारियों से अनुरोध करते हुए कहा, 'अभी विभिन्न त्योहारों का समय है। मनरेगा के मजदूर रोज कमाने और खाने वाले गरीब लोग हैं। इनकी मजदूरी की रकम महाराष्ट्र सरकार को भेजने की व्यवस्था करें।' यादव ने मामले की ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मुकुल वासनिक एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व विधायक चंद्रशेखर बावनकुले का भी ध्यान दिलाया।
बता दें कि मनरेगा की मजदूरी के आवंटन में केंद्र एवं राज्य दोनों की हिस्सेदारी होती है। इससे पहले यह देखने में आता था कि राज्य सरकार ने अपने हिस्से की रकम देने में देरी की। इस बार केंद्र ने यह रकम ट्रांसफर करने में देरी कर दी है।
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नागपुर की बकाया मजदूरी (रु. में)
रामटेक : 47.93 लाख
पारशिवनी : 33.22 लाख
भिवापुर : 9.12 लाख
हिंगणा : 14.99 लाख
कलमेश्वर : 5.85 लाख
कामठी : 26.70 लाख
काटोल : 26.09 लाख
कुही : 38.98 लाख
मौदा : 41.49 लाख
नागपुर (ग्रामीण) 10.84 लाख
नरखेड़ : 31.87 लाख
सावनेर : 26.95 लाख
उमरेड : 33.15 लाख
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