खनिज निधि का दुरुपयोग : ग्रीन जिम के लिए 13 करोड़, स्वास्थ्य बीमा को ठेंगा

प्रतीकात्मक चित्र।

@  सुनो सुनो रिपोर्ट |

नागपुर | जिला खनिज संस्थान (डीएमएफ) खनिज निधि का दुरुपयोग कर रहा है। यह स्थिति तब है, जब जिले के खनन प्रभावित कई गांवों में समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। यहां के लोग बेहतर इलाज के लिए नागपुर शहर जाने को मजबूर हैं। डीएमएफ ने खनन प्रभावित गांवों में 200 ग्रीन जिम स्थापित करने के लिए 13 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। जबकि सामूहिक स्वास्थ्य बीमा की मांग को अनसुना कर दिया है।

जानकारों का कहना है कि नियमानुसार ग्रीन जिम के लिए खनिज निधि नहीं दी जा सकती। जबकि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए खनिज निधि दी जानी चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार ने इसके लिए खनिज निधि में विशेष प्रावधान किए हैं। इसके बावजूद नागपुर में खनिज निधि के आवंटन में नियमों की धज्जियां उड़ा दी गईं।

सूत्रों के अनुसार 11 जुलाई 2022 को तत्कालीन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डीएमएफ की बैठक हुई थी। बैठक में डीएमएफ ने 200 ग्रीन जिम के लिए खनिज निधि मंजूर की थी। इसके निष्पादन की जिम्मेदारी जिला परिषद को दी थी। जिला परिषद ने निविदा प्रक्रिया पूरी की। इसके तहत मेसर्स फ्रेंड्स स्पोर्ट को ग्रीन जिम के लिए 13 करोड़ रुपए का वर्क ऑर्डर जारी करने की तैयारी है। ये ग्रीन जिम जिले की 11 तहसीलों नागपुर ग्रामीण,  रामटेक, कामठी, उमरेड, कुही, भिवापुर, मौदा, सावनेर, पारशिवनी, नरखेड़ और कलमेश्वर में 200 स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे।

भ्रष्टाचार की खदान बन रहा डीएमएफ : गज्जू यादव

पंचायत समिति, रामटेक के पूर्व उपसभापति उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव ने कहा कि डीएमएफ भ्रष्टाचार की खदान बनता जा रहा है। उसे खनन प्रभावित गांवों की चिंता नहीं है। इन गांवों  में कई बीमारियां पनप चुकी हैं। ज्यादातर ग्रामीण एलर्जी, अस्थमा, सिलीकोसिस, चर्मरोग, पेट से संबंधी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। इन बीमारियों का इलाज महंगा है। गरीब व्यक्ति यह खर्च वहन नहीं कर पाता।

उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव (फाइल फोटो)

गज्जू यादव ने कहा, ' मैंने पिछले साल 12 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, तत्कालीन पालकमंत्री नितिन राऊत और विधायक चंद्रशेखर बावनकुले को पत्र लिखकर उक्त समस्या से अवगत कराया था। उनसे रामटेक, पारशिवनी और मौदा तहसीलों के सभी खनन प्रभावित गांवों के लोगों के लिए जिला खनिज संस्थान से सामूहिक स्वास्थ्य बीमा करवाने का अनुरोध किया था। इसके लिए पहले से खनिज निधि में प्रावधान है। अगर ग्रामीणों को बीमा कवर मिलेगा तो वे अच्छे अस्पताल में इलाज करा पाएंगे।' 

सामूहिक स्वास्थ्य बीमा की उपेक्षा का लगाया आरोप

कांग्रेस नेता ने कहा कि पत्र का संज्ञान लेते हुए बावनकुले और गडकरी के कार्यालय ने कलेक्टर को क्रमशः 12 जून, 2022 और 27 जून, 2022 को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद ग्रीन जिम के लिए 13 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। लेकिन स्वास्थ्य बीमा के लिए एक पैसा भी नहीं दिया गया। गज्जू यादव ने आरोप लगाया कि सामूहिक स्वास्थ्य बीमा के लिए इसलिए निधि नहीं मंजूर की गई क्योंकि इसमें कमीशनखोरी नहीं की जा सकेगी। यादव ने कहा कि उन्होंने सर्वेक्षण किया था। खनन प्रभावित गांवों में आवश्यक कार्यों की पहचान की थी। इसका ब्योरा 18 जून, 2022 को डीएमएफ को सौंपा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। नेता और अधिकारी केवल उसी काम पर विचार कर रहे हैं, जिसमें उन्हें अधिक दलाली मिलती है। 

जनहित के प्रस्ताव जल्द मंजूर करने की मांग

गज्जू यादव ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से जनहित के प्रस्ताव अंतिम प्रशासकीय मंजूरी के लिए लंबित है। प्रधान्यक्रम से प्रस्ताव मंजूर किए जाने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। खनिज संस्थान में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। जांच अधिकारी भी वहीं रहते हैं। इसलिए भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्रवाई भी नहीं होती। यही नहीं, लोकसभा कार्यकाल के अंतिम समय में सांसद और अधिकारी मिलीभगत कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वे भरपूर माल समेटने में जुटे हैं।

कांग्रेस नेता ने उपमुख्यमंत्री व पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं जिलाधिकारी विपिन ईटनकर से अनुरोध किया कि वे डीएमएफ में जारी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं। आशा व्यक्त की कि खनिज निधि का उचित उपयोग सुनिश्चित होगा। गज्जू यादव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर वे गलत आदेश जारी करेंगे तो कांग्रेस उनका घेराव कर आंदोलन करेगी। 

उदयसिंह उर्फ गज्जू यादव का पत्र :





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